November 9, 2025
1759498353_IMG-20250920-WA0031.jpg

उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने आज हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की वर्ष 2025 की प्रथम तथा वर्ष 2024 की तृतीय परीक्षाफल सुधार परीक्षा के नतीजे घोषित कर दिये हैं। बोर्ड द्वारा जारी परीक्षा परिणामों के तहत हाईस्कूल में 81.38 और इंटरमीडिएट में 76.27 फीसदी बच्चों ने अंकसुधार परीक्षा में बाजी मारी है। इसके साथ ही वर्ष 2025 की बोर्ड परीक्षा के कुल परीक्षाफल में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि एनईपी के प्रावधानों के तहत प्रदेश में बोर्ड परीक्षाओं में अनुत्तीर्ण रह गये छात्र-छात्राओं को परीक्षाफल सुधार के लिये मौका दिया जाता है। इसी क्रम में बोर्ड ने इस बार चार से 11 अगस्त तक 97 परीक्षा केंद्रों पर अंक सुधार परीक्षा का आयोजन किया और आज बोर्ड ने हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की वर्ष 2025 की प्रथम तथा वर्ष 2024 की तृतीय परीक्षाफल सुधार परीक्षा के नतीजे घोषित किये हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 की प्रथम अंक सुधार परीक्षा के लिये हाईस्कूल में 6657 परीक्षार्थियों ने अपना पंजीकरण कराया था, जिसमें मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण व अनुत्तीर्ण दोनों प्रकार के छात्र-छात्राएं शामिल हैं। इसी प्रकार इंटरमीडिएट में 9154 परीक्षार्थी अंक सुधार परीक्षा के लिये पंजीकृत थे। जिसमें से हाईस्कूल में 81.38 व इंटरमीडिएट में 76.27 प्रतिशत छात्र-छात्राएं पास हुये। डॉ. रावत ने बताया कि अंक सुधार परीक्षा के उपरांत हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा के कुल परीक्षाफल में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 की प्रथम परीक्षाफल सुधार परीक्षा के परिणाम के उपरांत हाईस्कूल की मुख्य परीक्षाफल में 4.40 फीसदी की वृद्धि हुई है। जिसके चलते हाईस्कूल का कुल परीक्षाफल 90.77 से बढ़कर 95.17 फीसदी हो गया है। इसी प्रकार इंटरमीडिएट के कुल परीक्षाफल 6.30 फीसदी की वृद्धि हुई है। जिससे इंटरमीडिएट का कुल परीक्षाफल 83.23 के सापेक्ष 89.53 फीसदी हो गया है।

विभागीय मंत्री ने बताया कि वर्ष 2024 की तृतीय अंक सुधार परीक्षा भी आयोजित की गई थी। जिसमें हाईस्कूल का परीक्षा परिणाम 65.79 तथा इंटरमीडिएट में 60.48 फीसदी रहा। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड बोर्ड के 10वीं और 12वीं में फेल छात्र-छात्राओं को पास होने के लिए तीन मौके दिए जा रहे हैं। वर्ष 2025 के छात्र-छात्राओं के लिए यह पहला मौका था जबकि वर्ष 2024 के छात्र-छात्राओं के लिये अंतिम मौका था।

बयान-
हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की मुख्य परीक्षा में अनुर्तीण रहे छात्र-छात्राओं को परीक्षाफल सुधार परीक्षा के माध्यम से एक और अवसर दिया गया था। इन परीक्षार्थियों ने कड़ी मेहनत और निरंतर लगन से यह सिद्ध कर दिया है कि संकल्प और आत्मविश्वास के बल पर सफलता प्राप्त की जा सकती है। छात्र-छात्राओं के बेहतर प्रदर्शन के साथ ही हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के कुल परीक्षाफल में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है। – डॉ. धन सिंह रावत, विद्यालयी शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड।

About The Author

Leave a Reply

Social media & sharing icons powered by UltimatelySocial
Verified by MonsterInsights