November 9, 2025
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देहरादून। उत्तराखंड में अब मदरसा बोर्ड का अस्तित्व समाप्त होने जा रहा है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक, 2025 को मंजूरी दे दी है। इस विधेयक के प्रभाव में आने के बाद, प्रदेश के सभी मदरसों को उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण से मान्यता लेनी होगी और उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद (उत्तराखंड बोर्ड) से संबद्ध होना अनिवार्य होगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे राज्य की शिक्षा व्यवस्था में समानता और आधुनिकता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने जानकारी दी कि जुलाई 2026 से शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र में सभी अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रीय पाठ्यक्रम (NCF) और नई शिक्षा नीति (NEP-2020) के तहत पढ़ाई कराई जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा, “सरकार का उद्देश्य है कि प्रदेश का हर बच्चा — चाहे वह किसी भी वर्ग या समुदाय से हो — समान शिक्षा और समान अवसरों के साथ आगे बढ़ सके।”

इस कदम के साथ उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा, जहाँ मदरसा बोर्ड को समाप्त कर अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को मुख्यधारा की शिक्षा व्यवस्था से जोड़ा जाएगा।

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